TET Teacher News: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, अब टेट पास न करने पर नहीं जाएगी शिक्षकों की नौकरी बड़ी राहत

By: ASHU SINGH

On: Monday, November 17, 2025 7:23 AM

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TET Teacher News: जितने भी शिक्षक टेट नहीं पास है उनके लिए काफी बड़ी राहत का अपडेट आ चुका है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक अहम फैसले के दौरान यहां कहा गया है कि यदि कोई भी शिक्षक आरटीई 2009 के तहत तय की गई समय सीमा के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा को अगर नहीं पास किया तो केवल इस आधार पर उसकी नौकरी से नहीं यहां पर निकाला जा सकता है अदालत में यहां पर यह स्पष्ट कर दिया है कि नियुक्ति के समय टेट सर्टिफिकेट ना होने पर शिक्षक को सेवा से यहां पर बिल्कुल नहीं हटाया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश बिहार गवाही व जस्टिस के विनोद चंदन के खंडपीठ के द्वारा दो सहायक शिक्षकों जमाकांत और एक अन्य शिक्षक का अपील को शिकार करते हैं उनको राहत प्रदान किया गया है इन शिक्षकों को 2012 में नियुक्त किया गया था। लेकिन 2018 में कानपुर नगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा टेट प्रपत्र न होने की वजह से बर्खास्त उनको कर दिया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस कार्रवाई को रद्द किया कर किया है जैसे देश भर के शिक्षकों को काफी बड़ा राहत मिल चुका है।

टेट शिक्षकों को लेकर क्या है पूरा मामला जानिये

जो मामले की शुरुआत है वह 2011 में हुआ था और सहायक शिक्षकों की जो भर्ती की जो प्रक्रिया है वह शुरू किया गया था कानपुर नगर के ज्वाला प्रसाद तिवारी जूनियर हाई स्कूल में इन दोनों सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त उनको किया गया था। उस समय एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 के अधिसूचना के पास शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू यहां पर किया गया था। पहली बार यूपी में टेट परीक्षा 2011 में आयोजित किया गया था। एक शिक्षक ने 2011 में और दूसरे ने 2014 में टेट यहां पर पास किया था। दोनों ने 2015 तक यह योग्यता को प्राप्त किया था। लेकिन फिर भी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने यह कहते हुए उनकी नियुक्ति को यहां पर समाप्त कर दिया था। मृत्यु के समय उनके पास टेट प्रमाण पत्र यहां पर नहीं था इस निर्णय के खिलाफ शिक्षक पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट यहां पर पहुंचे थे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2024 में उनकी जो याचिका को खारिज कर दिया था जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप किया और शिक्षकों के बस में काफी महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह टेट शिक्षकों पर तर्क

सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से कहा गया है कि आरटीई एक्ट की धारा 23 में 2017 में हुए संशोधन के आधार पर शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक टेट योग्यता प्राप्त किए जाने का अनुमति प्रदान किया गया था। यानी जिन शिक्षकों ने इस अवध में परीक्षा को पास कर लिया था। उन्हें आपात बिल्कुल नहीं माना जा सकता है। न्यायालय के द्वारा कहा गया है कि जब शिक्षक 2014 तक यहां पर टीईटी को पास कर चुके थे तो 2018 में भी उनकी सेवा समाप्त करना पूरी तरीके से यहां पर अनुच्छेद है कोर्ट ने टिप्पणी की सेवा समाप्ति आदेश में टीईटी योग्यता की कमी के अलावा यहां पर कई कोई और भी ठोस कारण यहां पर नहीं बताया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का यहां है अंतिम आदेश जाने

अदालत के द्वारा कहा गया है कि शिक्षकों ने तय समय सीमा से पहले ही टेट पास किया था लेकिन उन्हें सेवा से हटाना ने पूरी तरीके से नियमों से यहां पर खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोनों सहायक शिक्षकों की उनकी पुरानी सेवन निरंतर और सीनियरिटी के साथ यहां पर बहस कर दिया जाए। हालांकि कोर्ट ने अभी यहां पर स्पष्ट किया है कि उन्हें बकाया वेतन बिल्कुल ना दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यहां सब कहा है कि केवल टेट ना पास करने की वजह से शिक्षा की नौकरी को हटाना पूरी तरीके से न्याय संगत नहीं है। फैसला देश भर के वह सभी शिक्षकों के लिए काफी बड़ी राहत की अपडेट है। जिनकी नियुक्ति के प्रमाण पत्र के बिना हुआ था हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है और प्राथमिक शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य रहने वाला है शिक्षकों को परीक्षा पास करने हेतु 2 वर्ष का समय दिया जाने वाला है।

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