TET Teacher Big Update: टेट विवाद पर शिक्षकों को सबसे बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्णय कोर्ट का आदेश हुआ रद्द

By: ASHU SINGH

On: Saturday, November 1, 2025 11:38 AM

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TET Teacher Big Update: शिक्षक पात्रता परीक्षा मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से एक महत्वपूर्ण फैसला फिर से सुना दिया गया है। जिसके तहत अब उन सभी शिक्षकों को राहत प्रदान कर दिया गया है। जिन्होंने सेवा के दौरान पात्रता परीक्षा को पास किया था। लेकिन विभाग के माध्यम से यह कहते हुए उन्हें सेवा से पूरी तरीके से यहां पर अलग किया गया था कि चयन के समय पर पूरी तरीके से पात्र नहीं रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि किसी शिक्षक ने निर्धारित समय सीमा के भीतर पात्रता परीक्षा को पास कर लिया है तो उसे अयोग्य बिल्कुल भी यहां पर नहीं माना जा सकता है। अदालत ने यह कहा है कि बदले हुए नियमों और बढ़ाई गई समय सीमा के आधार पर सेवा के दौरान परीक्षा को पास करना बिल्कुल भी पर्याप्त है इसलिए दोनों शिक्षकों को सेवा में बने रहने का अधिकार है यह फैसला उन सभी शिक्षकों के लिए काफी उम्मीद का संकेत है जो कि समान पर सामान परिस्थितियों से यहां पर अभी भी वर्तमान में गुजर रहे हैं।

इन दो शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने दे दी बड़ी राहत

कानपुर के दो शिक्षक हैं जिसमें कानपुर के ज्वाला प्रसाद तिवारी व जूनियर हाई स्कूल के दो सहायक शिक्षक को सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से काफी बड़ा राहत मिल चुका है। अब यह जो दोनों शिक्षक हैं वह शिक्षा के अधिकार अधिनियम लागू किए जाने के बाद पूरी तरीके से सेवा में यहां पर आए थे और शुरुआत में इन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा बिल्कुल भी नहीं पास किया था। हालांकि बाद में दोनों ने कार्यकाल के दौरान ही परीक्षा को पास भी कर लिया था। लेकिन विभाग ने यहां पर यह कहते हुए उन्हें सेवा से पूरी तरीके से अलग कर दिया गया था कि चयन के समय उनके पास प्रमाण पत्र मौजूद नहीं था पिन कोड के माध्यम से माना गया कि नए नियमों के आधार पर 31 मार्च 2019 तक परीक्षा पास कर जाने की अनुमति प्रदान किया गया था। लेकिन ऐसे शिक्षकों को आयोग के मानना पूरी तरीके से यहां पर गलत है। अदालत में दोनों की सेवा पुनः जारी रखे जाने का फिर से आदेश पारित कर दिया है। जिससे प्रदेश के कई शिक्षकों को अप्रहत कि यहां पर उम्मीद पूरी तरीके से जाग चुकी है।

शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया रदद्

सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से दोनों शिक्षकों की सेवा समाप्त किए जाने के आदेश को यहां पर कर दिया है। साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ व एकल पीठ के फैसले को भी यहां पर खारिज कर दिया है। अदालत ने दोनों शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से पुनः सेवा में सम्मिलित किए जाने का निर्देश यहां पर दे दिया है। हालांकि उन्हें बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाने वाला है। लेकिन उनकी सेवा को नियंत्रण मानते हुए पद व अनुभव में कोई भी किसी भी प्रकार की हानि नहीं होने वाली सुप्रीम कोर्ट नेहा कहा है कि बर्खास्तगी के समय दोनों शिक्षक पात्रता परीक्षा यहां पर पास कर लिए थे इसलिए उन्हें अब पूरी तरह से आयोग अब न्याय संगत बिल्कुल भी नहीं है यह फैसला शिक्षक प्रणाली में पारदर्शिता और न्याय के दृष्टिकोण से यहां पर एक मिसाल के रूप में अब देखा जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट में विवाद का पूरा मामला

जैसे कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के द्वारा अगर 2010 में ही यहां पर पूरी तरीके से अनिवार्य किया गया था कि कक्षा एक से लेकर 8 तक पढ़ने वाले जितने भी शिक्षक हैं उनको शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी है जिसके तहत सरकार को अपने स्तर पर परीक्षा पास करना था। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में पहली बार यह परीक्षा को आयोजित करवाया गया था। कानपुर के सहायता प्राप्त विद्यालय में सहायक शिक्षक के चार पद हेतु आवेदन मंगाया गया था। दोनों याचियों ने आवेदन करते हुए परीक्षा को पास किया है और 2012 में सेवा शुरू कर दिया है। इसके बाद एक शिक्षक के द्वारा 2014 में यह परीक्षा को पास किया गया था। 2017 में आरटीआई अधिनियम में संशोधन के बाद 31 मार्च 2019 तक परीक्षा पास किए जाने का समय सीमा तय किया गया था। इसके बावजूद 2018 में विभाग में दोनों शिक्षकों को सेवा यहां पर पूरी तरीके से अलग किया गया था। जिसे बाद में उन्होंने न्यायालय में चुनौती भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है जिन्होंने निर्धारित समय में पात्रता परीक्षा को यहां पर पास किया था। उन्होंने सेवक उनका सेवा से हटाए नहीं जा सकता है इस फैसले का जो असर है शिक्षण जगत के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है और इससे अनेकों शिक्षकों को काफी बड़ी न्याय की उम्मीद जाग चुकी है।

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