Contract Employees Regularization News: सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किये जाने का रास्ता साफ, सभी को बड़ा तोहफा

By: ASHU SINGH

On: Wednesday, December 3, 2025 7:37 PM

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Contract Employees Regularization News: सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बात किया जाए तो 2005 से कार्य करें समय शिक्षण हेतु काफी बड़ा अपडेट आ चुका है। शिक्षकों को रेगुलर किए जाने का रास्ता साफ हो चुका है। जस्टिस जगमोहन बंसल की एकल पीठ के द्वारा साथ यहां पर एक साथ काफी बड़ा फैसला दिया गया है। शिक्षकों को नियमित किए जाने को कहा गया है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ के सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े और शिक्षकों को राहत प्रदान करते हुए कहा है कि शिक्षक बागडोर एंट्री वाले कर्मचारी बिल्कुल भी नहीं है। बल्कि लिखित परीक्षा विज्ञापन इंटरव्यू और मेडिकल वेरिफिकेशन जैसी पूरी प्रक्रिया के बाद नियुक्त किया गया था। इसलिए उन्हें लंबे समय तक संविदा पर नहीं रखा जा सकता कांटेक्ट का नाम देते हुए सोशल करना बिल्कुल भी सही नहीं यहां पर है इसी मामले पर हाईकोर्ट ने इन संविदा शिक्षकों को काफी बड़ी राहत प्रदान किया है।

केंद्र सरकार के दलील को कोर्ट ने ठुकराया

केंद्र सरकार के द्वारा इन संविदा शिक्षकों को लेकर डाल दिया गया था कि सबसे शिक्षा अभियान के अंतर्गत न्यूनतम शिक्षकों को नियमित किया जाना बिल्कुल भी संभव नहीं है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के उमादेवी फैसले के अनुसार कांटेक्ट कर्मचारियों को रेगुलर नहीं किया जाने वाला है। लेकिन सरकार की इस तालीम को हाई कोर्ट ने पूरी तरीके से ठुकरा दिया है यह तर्क करने से साफ इनकार यहां पर कर दिया कोर्ट ने कहा है कि उमा देवी का फैसला केवल उन मामलों पर ही लागू होने जा रहा हैं। जहां नीतियां नियमों को दरकिनार करते हुए बैकडोर से किया गया हैं जबकि यहां पूरी प्रक्रिया नियमों के अनुसार अपनाया गया है इसलिए इसे 10-23 नहीं कहा जाने वाला इस संविदा शिक्षकों को रेगुलर किए जाने का पूरा साफ हो चुका है।

20 वर्ष से सेवा दे रहे शिक्षकों को बड़ी राहत

कोर्ट के द्वारा कहा गया है कि ज्यादा सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षक बेसब्री से अधिक समय से अपनी सेवाओं को लगातार दे रहे हैं सरकारी विद्यालय में रेगुलर शिक्षकों की तरह ही पूरा कार्य कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों को फिर क्रेडिट का नाम नहीं दिया जाता कांटेक्ट का नाम देकर लंबे समय तक नहीं बिल्कुल रखा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से हाल ही में लिए गए फैसले का हवाला दिया गया है कि सरकार अपने नागरिकों को मौलिक अधिकारों का सम्मान कर रहे है और समय तक स्थाई रोजगार का रुपए बिल्कुल नहीं कर सकता है यह पूरी तरीके से गैरकानूनी यहां पर माना जाने वाला है। रिकॉर्ड में भी समय आया है कि चंडीगढ़ प्रशासन कई बार केंद्र सरकार को इन शिक्षकों को नियमित किए जाने के प्रस्ताव को भेजा जा चुका है इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है इसके बाद कोर्ट ने इस मामले पर आपत्ति जताते हुए आदेश दे दिया है।

न्यायालय के फैसला सभी के लिए समान रूप से हुआ लागू

कोर्ट के द्वारा अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है सभी शिक्षक जो कैंडिडेट पर कार्य कर रहे है उन्हें सेवा देते हुए 10 वर्ष से अधिक हो गए हैं उनकी नियुक्ति सबसे अच्छा अभियान के अंतर्गत विद्युत रूप से हुई तो उन्हें नियमित किया जाए अगर प्रशासन के माध्यम से इस समय सीमा के अंदर आधे जारी नहीं किया गया तो फिर यहां सभी शिक्षक स्वयं ही नियमित मान लिया जाएंगे। इसके साथ-साथ अगर आते हैं स्पष्ट कर दिया है कि सभी सदस्य अभियान के शिक्षकों पर समान रूप से लागू किया जाने वाला है जिससे भविष्य में सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े के मामले में कोई भी विवाद दोबारा खड़ा ना हो ऐसे में कोर्ट का है पैसा देश भर के सबसे अच्छा अभियान के अंतर्गत लगे शिक्षकों और कर्मचारियों हेतु काफी बड़ा फैसला यहां पर माना जा रहा है। बड़ी संख्या में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत देश के कई राज्यों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत विधिवत रूप से किया गया है।

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