8th Pay Commission News: 8वां वेतन को लागू करने हेतु सरकार स्टेप बाय स्टेप कम को बढ़ा रही है। इसी बीच केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और श्रमिक परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़ा अपील किया है। संघ ने आठवां वेतन आयोग के तहत टर्म्स आफ रेफरेंस में संशोधन हेतु प्रदान कर दिया है उनका यह कहना है कि करीब 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स का जो महत्वपूर्ण चिंता है उसकी नजर अंदाज यहां पर कर दिया गया है सोमवार को भेजे गए एक लेटर के दौरान संघ ने आयोग के गठन का यहां पर स्वागत किया है लेकिन कहा कि वर्तमान टर्म्स आफ रेफरेंस में कई प्रकार के जो मुद्दे खास कर पेंशन संशोधन पेंशन समानता और विभिन्न पेंशन योजना है इसके भविष्य पर स्पष्ट का यहां पर अभाव है उठाई गई प्रमुख आपत्तियों में से एक तय डेट का जो अभाव है वह यहां पर दिख रहा है।
संघ के द्वारा कहा गया कि वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू होना जरूरी है। इसके अलावा विवरण में नान कंट्रीब्यूटरी पेंशन योजनाओं की जो कास्ट का प्रयोग है इसकी आलोचना यहां पर किया गया है इससे संवेदनशील बताया है। कहा है कि पेंशन सेक्शन 301 के तहत एक संवैधानिक अधिकार यहां पर है और सामाजिक आर्थिक न्याय का एक खास यहां पर एलिमेंट है ना कोई राजकोषीय बोर्ड जिसे सरकारी देनदारी के साथ यहां पर क्लासिफाइड किया जाए।
क्या-क्या किया गया अपील जानिए
परिसंघ के द्वारा आठवां वेतन आयोग को पेंशन संरचनाओं की व्यापक जांच करने का यहां पर अधिकार देने वाले एक यह स्पष्ट निर्देश दिए जाने की मांग किया गया है। इसमें पेंशन में संशोधन रिटायरमेंट की डेट से परे सामान्य यहां पर तय करना और 11 सालों के बाद काॅम्यूटेशन बहाल किया जाना और सीनियर सिटीजन हेतु हर पांच वर्ष में एक्स्ट्रा पेंशन को शुरू किया जाना सीजीएचएस की पहुंच में सुधार और सीजीजीआईएस का पुनर्गठन यहां पर सम्मिलित है।
पुरानी पेंशन योजना बहाल किए जाने की मांग
परिसंघ ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की जो अपनी मांगों से दोहराया और तर्क दिया है कि अप्रैल 2004 के बाद सर्विस में आज 26 लाख कर्मचारी और एनपीएस और यूनिफाइड पेंशन योजना के सिर्फ बेहद असंतोष है। उन्होंने कहा है कि 8वां वेतन आयोग को सभी योजना को वैल्यूएशन है वह करना जरूरी है सबसे बड़े लाभकारी विकल्प की सिफारिश यहां पर करना चाहिए।
20 फ़ीसदी की राहत की हुई मांग
परिसंघ ने स्वायत्त संस्थान और वैधानिक निकाय और ग्रामीण डाक सेवक के दो कर्मचारियों को 8वां वेतन आयोग के दायरे में सम्मिलित किए जाने की मांग किया है। उन्होंने सरकारी सेवा का अभिन्न अंग यहां पर बताया है। बढ़ती महंगाई और 7वां वेतन आयोग की जो प्रदेश में देरी का हवाला दे दिया गया है इसने लगभग एक करोड़ दो 20 लाख एक्टिव कर्मचारियों को पेंशन भोगियों पारिवारिक पेंशन रोगियों के मनोबल की रक्षा हेतु बेस्ट प्रतिशत अंतिम ग्राहक का अनुभव यहां पर किया है। मांगों में सीजीएचएस वैलनेस सेंट्रो का विस्तार और पेंशन भोगियों हेतु कैशलेस उपचार भी यहां पर सम्मिलित था।
